प्रमुख घोषणाएँ और अपडेट्स
- कर संरचना में बड़े बदलाव:
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर स्लैब में बदलाव की घोषणा की है। नई कर दरें आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से संशोधित की गई हैं।
- कॉर्पोरेट कर दरों में भी सुधार किए गए हैं, जिससे छोटे और मझोले उद्योगों को फायदा होगा।
- कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी राहत:
- किसानों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया गया है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि और नई सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।
- कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों और अनुसंधान पर जोर।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक निवेश:
- स्वास्थ्य बजट को बढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें नए अस्पतालों का निर्माण, चिकित्सा उपकरणों की खरीद और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिक लाभार्थियों को शामिल करने की योजना।
- शिक्षा और कौशल विकास:
- शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, जिसमें डिजिटल शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत नए संस्थानों की स्थापना और मौजूदा संस्थानों के उन्नयन के लिए फंडिंग।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और परिवहन:
- सड़क, रेल और बंदरगाह विकास के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार और उन्नयन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- शहरी विकास के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत नई योजनाओं की घोषणा।
- पर्यावरण और ऊर्जा:
- हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राष्ट्रीय हरित कोष का गठन।
- डिजिटल इंडिया और तकनीकी सुधार:
- डिजिटल इंडिया मिशन के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान, जिसमें सरकारी सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए नई पहल शामिल हैं।
- साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण के लिए नई नीतियों का ऐलान।
- समाज कल्याण और रोजगार:
- मनरेगा के तहत 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान, जिससे ग्रामीण रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
- महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के कल्याण के लिए विशेष योजनाएं और लाभों की घोषणा।
बजट के प्रभाव और विश्लेषण
वित्त वर्ष 2024-25 का बजट समावेशी और विकासोन्मुखी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विकास को सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
- आर्थिक विकास: बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिससे निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
- सामाजिक सुरक्षा: समाज के कमजोर वर्गों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं, जो सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाएंगी।
- पर्यावरण संरक्षण: हरित ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए गए उपाय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।
स्रोत: सरकारी प्रेस विज्ञप्तियाँ, प्रमुख समाचार पत्र, और वित्त मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट।
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